बजरंग दल में विभाजन की बात करने वाले अज्ञानी- रतन यादव
दुर्ग । छत्तीसगढ़ बजरंग दल द्वारा कल 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजे शहीद चौक (ग्रीन चौक) में शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया है। शस्त्र पूजन उपरांत भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभायात्रा शहीद चौक से अग्रसेन चौक, हरनाबांधा, पोलसायपारा चौक,फरिश्ता कॉम्पलेक्स, इंदिरा मार्केट होते हुए पटेल चौक पहुंचकर संपन्न होगी। शोभायात्रा में बजरंगी विभिन्न शस्त्रों से लैस होंगे, वहीं घोड़े-बग्गी व बैंड धुमाल आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। शस्त्र पूजन व शोभायात्रा का मुख्य उद्देश्य राष्ट्र रक्षा, धर्म रक्षा व हिन्दुत्व शौर्य जागरण है। बजरंग दल द्वारा विजयादशमी के उपलक्ष्य पर पिछले 20 वर्षों से निरंतर यह आयोजन किया जा रहा है। शस्त्र पूजन व शोभायात्रा में जिलेभर से करीब हजारों की संख्या में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और सनातनियों के शामिल होने की संभावना है। जिसके चलते बजरंगियों द्वारा आयोजन की भव्य तैयारियां की गई है। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों व मार्गों को भगवाध्वज व तोरण पताका से सजाया गया है। फलस्वरुप शस्त्र पूजन व शोभायात्रा को लेकर व्यापक माहौल बना हुआ है। यह बातें छत्तीसगढ़ बजरंग दल के प्रदेश संयोजक रतन यादव ने शनिवार को मीडिया से चर्चा में कही। इस दौरान छत्तीसगढ़ बजरंग दल के प्रदेश अध्यक्ष गौतम जैन, उपाध्यक्ष विकास ठाकुर, चंदन राजपूत, विभाग संयोजक रवि निगम, ईश्वर गुप्ता, ज्योति शर्मा, विभाग सह-संयोजक कुशल तिवारी, संगठन प्रमुख रवि भारती, जिला संयोजक इंद्रजीत महाराज, रितिक सैनी, धनेश दोरा, राजा साहू, शेखर ताम्रकार, कुलेश्वर यादव व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। चर्चा में छत्तीसगढ़ बजरंग दल के प्रदेश संयोजक रतन यादव ने कहा कि यह आयोजन शौर्य प्रदर्शन नहीं है। विजयादशमी के उपलक्ष्य पर शस्त्र पूजन की परम्परा रही है। जिसके माध्यम से सनातन धर्म के लोग अपना उत्साह प्रकट करते है। श्री यादव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बजरंगी पिछले लंबे समय से सनातन विरोधियों के खिलाफ जंग छेड़े हुए है। धर्मांतरण को रोकने पूरी ताकत लगाए हुए है। इन मुद्दों पर राज्य की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बजरंग दल को समर्थन व सहयोग मिलने की उम्मीद की गई थी, लेकिन धरातल पर ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है। बजरंग दल में विभाजन से जुड़े सवाल के जवाब पर छत्तीसगढ़ बजरंग दल के संयोजक रतन यादव ने कहा कि बजरंग दल में कोई अलगाव की स्थिति नहीं है। हिन्दूत्व हितैषी कार्यों के लिए सभी बजरंगी एक है। यह अलग स्थिति है कि संगठन के पदाधिकारियों के बीच मतभेद हो सकते है। इस विषय को लेकर अगर कोई संगठन के असली व नकली होने पर सवाल उठाता होगा, तो वह अज्ञानी ही होगा। जो आज तक बजरंग दल के मूल उद्देश्यों को समझ नहीं पाया है। ऐसे लोगों की गतिविधियों पर बजरंग दल के वरिष्ठ नेताओं द्वारा भी नाराजगी जताई जा चुकी है।